गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ स्किन और चमकदार बालों को लेकर आप लोगों की प्रंशसा प्राप्त करती हैं। यह गर्भावस्था के दौरान बालों में चमक के लिए आपको स्वस्थ आहार और फोलिक एसिड की रोजमर्रा की खुराक का धन्यवाद करना चाहिए। लेकिन अक्सर, नई माताओं को बच्चे के जन्म के 2-3 महीने बाद ही उनकी स्किन खराब होने और बालों के झड़ने का अनुभव होता है। डिलीवरी होने के 5-6 महीने के बाद तक बाल झड़ने का सिलसिला जारी रहता है। तो वहीं स्किन में झाईयां, डार्क स्पॉट, पिग्मेंटेशन, स्ट्रेच माक्र्स, डल स्किन जैसी समस्याएं होने लगती हैं। ऐसा शरीर के हार्मोन लेवल के तेजी से गिरने के कारण होता है। प्रसव के बाद, एस्ट्रोजन का स्तर अचानक नीचे गिर जाने और बालों के रोम के ठीक से काम न करने से बालों को अधिक नुकसान होता है। आज हम आपको स्किन व ब्यूटी एक्सपर्ट् भारती तनेजा के से खास बातचीत के आधार पर आपको बालों और चेहरे की देखभाल की टिप्स बता रहे हैं।
बालों के झड़ने की समस्या
प्रसवोत्तर स्किन प्रॉब्लम और बालों के झड़ने की समस्या लगभग हर स्त्री को झेलनी पड़ती है। चिकित्सकीय भाषा में टेलोजन एफ्फ्लूवियम के रूप में जाना जाता है। यह एक सामान्य घटना है और इसमें बाल पूरी तरह से नहीं निकलते। यहां तक कि सामान्य लोगों में भी तनाव के कारण बाल झड़ने लगते हैं, इसलिए अगर आप गिरते बालों के कारण चिंता में हैं तो कोई भी उपाय आपकी मदद नहीं कर सकता। इसलिए सबसे पहले चिंता से दूर रहने की कोशिश करें।
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स्किन प्रॉब्लम
बच्चे के जन्म के बाद जिन महिलाओं की त्वचा रूखी होती है, उनकी त्वचा पहले से और भी अधिक रूखी हो जाती है। गर्भावस्था में स्तन, पेट और जांघों की त्वचा खिंच जाती है। इस खिंचाव के कारण महिलाओं के शरीर की त्वचा पर हल्के रंग के दाग दिखाई पड़ने लगते हैं। गर्भावस्था की अवधि के दौरान लगभग सभी महिलाओं का वजन बढ़ जाता है। प्रसव के बाद भी महिलाओं का वजन अधिक ही बना रहता है। अधिक चिकनाईयुक्त भोजन करने, मेवे आदि के सेवन के कारण महिलाओं का भार बढ़ता चला जाता है। जिन महिलाओं का वजन अधिक होता है। उनके शरीर पर पके हुए लाल रंग के घाव दिखाई पड़ने लगते हैं। शरीर के वजन को कम करने के लिए किसी विशेषज्ञ की देखरेख में व्यायाम करना चाहिए।
वजन बढ़ना
डिलीवरी के बाद बाल गिरना और त्वचा सबंधी कई समस्याएं बहुत ही आम है। बालों का झड़ना, मुंहासे, पिगमेंटेशन, स्ट्रेच मार्क्स आदि समस्याओं से दो चार होना पड़ता है, इससे छुटकारा पाने के लिए आज हम ब्यूटी एंड स्किन विशेषज्ञ भारती तनेजा से खास बातचीत के आधार पर आपको बता रहे हैं कि डिलीवरी के बाद आप कैसे अपनी स्किन और बालों से संबंधित समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं।
स्तनों में बदलाव
गर्भावस्था में लगातार हार्मोन्स में परिवर्तन के कारण महिलाओं के स्तन भारी और बड़े हो जाते हैं। ऐसे में अगर स्तन की ठीक प्रकार से देखभाल न की जाए, तो इनका आकार बदल जाता है। एक बार स्तन ढीले या लटक जाने पर दोबारा पहले जैसे नहीं हो पाते हैं। युटेरस (गर्भाशय) में भी दर्द महसूस हो सकता है। खासकर स्तनपान कराते समय यह दर्द शुरू हो सकता है, क्योंकि स्तनपान कराने से युटेरस सिकुड़ने लगता है। स्तनों में दर्द भी महसूस हो सकता है। प्रसव के पश्चात स्तनों का आकार भी बढ़ जाता है। प्रसव के दूसरे या तीसरे दिन से आकार बढ़ना शुरू हो जाता है, जो थोड़ा असुविधाजनक हो सकता है।
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