जाने कितने घंटे सोना चाहिए?
तो सवाल घूमफिर कर वही आता है कि मेरे शरीर को कितनी नींद की जरूरत है। यह इस बात पर निर्भर है कि आप किस तरह का शारीरिक श्रम करते हैं। आपको न तो भोजन की मात्रा तय करने की जरूरत है और न ही नींद के घंटे। मुझे इतनी कैलरी ही लेनी है, मुझे इतने घंटे की नींद ही लेनी है, जीवन जीने के लिए ये सब बेकार की बातें हैं। आज आप जो शारीरिक श्रम कर रहे हैं, उसका स्तर कम है, तो आप कम खाएं। कल अगर आपको ज्यादा काम करना है तो आप ज्यादा खाएं। नींद के साथ भी ऐसा ही है। जिस वक्त आपके शरीर को पूरा आराम मिल जाएगा, यह उठ जाएगा चाहे सुबह के 3 बजे हों या 8। आपका शरीर अलार्म की घंटी बजने पर नहीं उठना चाहिए। एक बार अगर शरीर आराम कर ले तो उसे खुद ही जाग जाना चाहिए।
अगर शरीर बिस्तर को आरामगाह की तरह इस्तेमाल करना चाह रहा है तो वह बिस्तर से बाहर आना ही नहीं चाहेगा। अगर आपकी मानसिक अवस्था ऐसी है कि आप जीवन की घटनाओं से बचना चाहते हैं तो नींद एक अच्छा तरीका है। ऐसे में आप अपने आप ही ज्यादा खाने लगेंगे और ज्यादा सोएंगे भी।
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