Tuesday, June 26, 2018

Magical Healthy Lips Tips






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हम अपने होंठों का इस्तेमाल हंसने, खाने में और बोलने में करते हैं। जब हम किसी को चूमते हैं तो होंठ की संवेदनशीलता बढ़ जाती है। दो विपरीत लिंग में अंतरंगता और कामुकता बढ़ाने में होंठ की भूमिका अहम होती है.चेहरे में सबसे कोमल और मुलायम अंग होता है होंठ। होंठ न सिर्फ चेहरे की खुबसूरती को तय करते हैं बल्कि होंठों से ही चेहरे के हाव-भाव का भी पता लगता है। आँखों और होंठों की प्रतिक्रिया से किसी व्यक्ति के मनोभावों को समझा जा सकता है।
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होंठ की संरचना और उससे जुड़े अहम तथ्य 
  • उपरी और निचली होंठ ।
  • उपरी होंठ के मांसल उभार को कामुक अंग कहा जाता है ।
  • होंठ की त्वचा तीन से पांच परतों में होती है।
  • होंठ की त्वचा में स्किन कलर को निर्धारित करने वाले पिगमेंट मेलानिन की मात्रा कम होती है। यही वजह है कि होंठ की त्वचा के अंदर रक्त वाहिकाएं  फैली होने से होंठों का रंग गुलाबी होता है।
  • अगर किसी के होंठ की त्वचा में मेलानिन पिगमेंट की मात्रा ज्यादा होती है तो उसके होंठों का रंग काला नजर आता है।
  • होंठ की त्वचा में बाल निकलने और पसीने निकलने वाली ग्रंथि नहीं होती है।
  • होंठ की त्वचा में तैलीय ग्रंथि भी नहीं होती है और यही कारण है कि होंठ जल्दी ही सूखने और फटने लगते हैं।
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होंठ के कार्य 
भोजन ग्रहण- होंठ में खुद की मांसपेशियां होने से यह आसानी से मूवमेंट करती हैं। भोजन को पकड़ कर मुंह में लेने, पानी पीने और चूसने में होंठ की मांसपेशियां खुद से काम करने लगती है। होंठ की त्वचा के अंदर स्नायु तंत्र भी काफी संवेदनशील होती है और कोई भी अवांछित तत्व को खाने-पीने से इनकार करती है।
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आवाज- हम जो विभिन्न प्रकार की आवाजें निकालते हैं वो होंठों की वजह से ही होता है। होंठ से हम कई तरह की आवाज निकाल सकते हैं। होंठ से ही हम बांसुरी, क्लारनेट और सेक्साफोन जैसे वाद्ध यंत्र पर सुरीली धुन बजाते हैं।
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हाव-भाव और अभिव्यक्ति- चेहरे की अभिव्यक्ति और हाव-भाव होंठ से  समझी जा सकती है। आप जब हंसते है, रोते हैं या उत्तेजित होते हैं तो चेहरे पर इसके भाव होंठ पर ही आते हैं। हंसने या रोने के समय होंठो का खुलना या बंद होना या फिर वक्र बनना या उत्तेजित होने पर होंठ का फूल जाना इसके संकेत हैं।
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स्पर्श- होंठ की त्वचा के अंदर कई तंत्रिकाएं होती हैं जो स्पर्श इंद्रियों के हिस्से के रूप में प्रतिक्रिया करती हैं। होंठ स्पर्श के प्रति काफी संवेदनशील होते हैं। गर्मी और ठंढ के संपर्क में आने पर तुरंत प्रतिक्रिया करते हैं। नवजात और छोटे बच्चे अपने होंठ के जरिए ही गर्म, ठंडा और अवांछित चीजों को लेते ही तुरंत प्रतिक्रिया करते हैं।
इसे पढ़े: संवेदनशील आंखों में इस तरह से लगायें मस्कारा कामोत्तेजना- होंठ की त्वचा के अंदर तंत्रिकाओं का जाल फैला रहता है जिसके कारण होंठ की त्वचा में स्पर्श इंद्रिया काफी सक्रिय रहती हैं। यही वजह है कि होंठ को कामोत्तेजना का क्षेत्र कहा जाता है। चुंबन और अंतरंगता बढ़ाने में होंठ की भूमिका अहम होती है।

सुंदर व स्वस्थ होठों के लिए कुछ आसान टिप्स 

  • होंठ फट जाएं तो उस पर आधा चम्मच दूध की मलाई में चुटकी भर हल्दी मिलाकर मलें।
  • रात में सरसों का तेल या गुनगुने घी को नाभि में लगाएं। इससे होठ नहीं फटेंगे।
  • नारियल तेल में शहद मिला कर फटे और सूखे होंठ पर लगाएं।
  • शहद, नींबू और ग्लिसरीन को मिला कर होंठ पर लगाएं।
  • सोते समय होंठों पर मक्खन की मालिश करने से होंठ गुलाबी होंगे।
  • रोजाना होंठ पर जैतून तेल लागाने से होंठ की नमी बरकरार रहती है, होंठ फटती नहीं है.
  • पानी ज्यादा पीएं.
  • गुलाब की पंखुडियों को दूध में भिगोकर रख दें. फिर इसका पेस्ट बनाकर होंठ पर लगाएं.
  • लिपस्टिक के बदले लिप ग्लॉस होंठों पर लगाएं.
  • स्मोकिंग न करें।

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